अंधभक्त किसे कहते है? (Andh Bhakt Kise Kahate Hain)

इंटरनेट पर आजकल एक प्रश्न अंध भक्त किसे कहते है (Andh bhakt kise kahate hain) ट्रेंड पर चल रहा है | क्या आप भी अंध भक्त के बारे में जानना चाहते है?

भारत में वर्तमान में चल रहे राजनीतिक माहोल में कुछ लोग मोदी के अंधभक्त बनकर बैठे है तथा कुछ लोग राहुल के अंधभक्त बनकर बैठे है | राजनीतिक पार्टी की बात करे तो कुछ लोग कांग्रेस अंधभक्त व कुछ लोग बीजेपी अंध भक्त बनकर घूम रहे है | इसी कारण की वजह से अंधभक्त शब्द प्रयोग में लिया जा रहा है |

आज हम इसी अंधभक्तों व अंधभक्ति के बारे में बात करते वाले है कि आखिर अंधभक्त किसे कहते है (Andhbhakt kise kahate hain) तथा अंधभक्त कितने प्रकार के होते है? आपके आस-पास के लोगों के मुँह से आपने सुना होगा कि वे अंध भक्त के बारे में बाते करते रहते है | चलिये जानते है अंधभक्त कौन होते है?

Andh bhakt kise kahate hain

अंधभक्त किसे कहते है? (AndhBhakt Kise Kahate Hain)

वे लोग जो किसी व्यक्ति विशेष, जाति विशेष, राजनीतिक पार्टी विशेष तथा नेता विशेष पर आँखें बंद करके केवल उसी के बारें में बाते करते रहते है तथा उनकी बुराईयों को नकारते हुए केवल कुछ अच्छाईओं के गुणगान गाते रहते है इस लोगों को अंधभक्त कहते है |

इन लोगों की सबसे बड़ी कमी यही होती है कि जिस व्यक्ति के अंधभक्त बने हुए होते है उसके बारे में कोई बुराई नहीं सुनना चाहते | क्योंकि अंधभक्तों में सोचने समझने की शक्ति की कमी होती है तथा इन लोगों को अच्छे बुरे का ज्ञान भी नहीं होता | ऐसी स्थिति में अंधभक्तों को केवल वही व्यक्ति महान लगता है जिसके वे अंध भक्त बनकर बैठे है |

भारत में कई लोग राजनीतिक पार्टी व नेताओं के अंधभक्त बनकर बैठे है | इन लोगों के पास नेताओं की अंधभक्ति दिखाने का समय तो बहुत है लेकिन अपने परिवार की जरूरतों को पूरी करने का समय बहुत कम है |

अपने पसदीदा नेता जिसके वे अंधभक्त है, के बारे में बहस करने के लिए चाहे 4-5 घंटे लग जाये तो भी वे अंधभक्ति दिखाते हुए बहस करते रहते है | कई बात तो ऐसी नोबत आ जाती है कि इन लोगों के मध्य लड़ाई तक हो है |

मोदीभक्त, बीजेपीभक्त, कांग्रेसभक्त अंधभक्तों का सबसे बढ़िया उदाहरण है |

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अंध भक्त कितने प्रकार के होते है?

अंधभक्त कितने प्रकार के होते है, इसका उतर आपको किसी किताब में नहीं मिलेगा लेकिन मेरी सोच, समझ व ज्ञान के अनुसार अंधभक्तों के प्रकार निम्न प्रकार होते है-

  1. धर्म के अंधभक्त
  2. राजनीति के अंधभक्त
  3. जाति के अंधभक्त
  4. किसी व्यक्ति विशेष के अंध भक्त
  5. किसी नेता के नाम पर अंधभक्त
  6. किसी राजनीतिक पार्टी के अंधभक्त

वे व्यक्ति जो किसी एक धर्म के गुणगान ही गाते रहते है तथा किसी दूसरे धर्म को खराब बताते है | इन लोगों को धर्म अंधभक्त कहते है |

वे लोग जो राजनीति के बारे में कोई ज्ञान नहीं होने के बावजूद राजनीति सीखने के बारे में बाते करते रहते है | जिन्होंने कभी राजनीति पढ़ी ही नहीं हो तथा न ही कभी राजनीति हो, फिर भी राजनीति की बाते करते रहते है | यह लोग राजनीति अंधभक्त कहलाते है | कांग्रेस अंध भक्त व बीजेपी अंधभक्त राजनीति अंधभक्तों के उदाहरण है | और अधिक पढे

एक विशेष जाति विशेष के गुणगान गाने वाले लोग जाति अंधभक्त कहलाते है | यह लोग केवल खुद की जाति की गाथाएँ ही सुनाते रहते है बाकी अन्य जातियों को बेकार मानते है | जबकि हम सब को पता है कि जब इंसान पैदा होता है तो वह जाति देखकर पैदा नहीं होता है |

किसी व्यक्ति विशेष के गुण वाले लोगों को भी अंधभक्त कहते है | जैसे मोदी के अंधभक्त, राहुल के अंधभक्त, केजरीवाल के अंधभक्त | इन अंधभक्तों के द्वारा व्यक्ति विशेष के कुछ अच्छे कार्यों का बखान किया जाता है जबकि उन व्यक्ति के बुरे तथा गलत कार्यों को नजर अंदाज किया जाता है |

हम सभी जानते है कि आज कि दुनियाँ में कोई भी इंसान बिलकुल सही हो ही नहीं सकता जिसने कभी गलत काम किया ही नहीं हो | प्रत्येक मनुष्य द्वारा कई सारे गलत काम किए जाते है | ऐसी स्थिति में किसी भी व्यक्ति के अंधभक्त बन जाना बेवकूफी की निशानी है | चाहे वो मोदी भक्त हो या राहुल भक्त हो |

कुछ लोग अपनी पार्टी के नेताओं के अंधभक्त बने बैठे रहते है | इन लोगों द्वारा अपनी पार्टी के बड़े नेता के गुणगान गाने तथा उसके द्वारा किए गए कार्यों का वर्णन किया जाता है | यह नेता अंधभक्ति केवल और केवल जनता से वोट लेने का महोल बनाने में की जाती है | पुराने कार्यों का हवाला देते हुए कई सारे नए वादे किए जाते है |

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भक्त और अंध भक्त में अंतर

भक्त शब्द भक्ति से जुड़ा हुआ है तथा अंधभक्त राजनीतिक से जुड़ा हूँ है | आज हम भक्त और अंधभक्त में अंतर के बारे में बात करे है |

एक अंधभक्त व भक्त में निम्नलिखित अंतर होते है –

  • वे लोग जो भगवान की भक्ति करते है उन्हें भक्त कहते है जबकि वे लोग किसी व्यक्ति विशेष पर आँख बंद करके उसी के गुणगान गाते रहते है उन्हे अंधभक्त कहते है |
  • शिव के भक्त, राम भक्त, हनुमान भक्त इत्यादि भक्त के उदाहरण है जबकि मोदी भक्त, राहुल भक्त, बीजेपी भक्त, कांग्रेस भक्त इत्यादि अंधभक्त के उदाहरण है |
  • भक्त आस्तिक व बुद्धिमान होते है जबकि अंधभक्त मूर्ख व बेवकूफ की श्रेणी में आते है |

अंधभक्त जोक्स केवल हँसाने के लिए

  1. कौन कहता है? भक्तों के पास दिमाग नही होता है। अगर आप “चोर” बोल दो तो अंधभक्त तुरंत समझ जाते हैं की चोर किसे बोला है |
  2. भक्तों का बाप …….है,
    दिमाग जिसका गोभी है,
    मन की बात बताता है,
    जन की बात खा जाता है,
    अडानी, अंबानी उसका यार है,
    साथी उसका तड़ीपार है,
    शिक्षा उसकी निराली है,
    छोड़ गई घरवाली है,
    जुमले वो सुनाता है,
    सपने बहुत दिखता है |

अंधभक्त से संबन्धित पूछे जाने वाले महत्वपूर्व प्रश्न

अंध भक्तों का पिता कौन है?

अंधभक्त कोई भी हो सकता है | अंधभक्तों को कोई पिता नहीं होता है | वह खुद अपनी बेवकूफी की वजह से अंधभक्त बनकर बैठे होते है |

अंध भक्त कौन होता है?

वे लोग जो आंखे बंद करके तथा सही गलत को पहचानने बिना ही किसी व्यक्ति की अछाइयों का गुणगान करते रहते है व बुराइयों को नजरअंदाज करते है | इन लोगों को अंध भक्त कहते है |

अंधभक्त का पिता किसे कहते है?

अंधभक्तों को कोई पिता नहीं होता है | अंध भक्त खुद अपनी बेवकूफी व सोचने समझने की शक्ति की कमी की वजह से अंधभक्त बनकर बैठे होते है |

अंध भक्तों की क्या पहचान है?

अंध भक्तों की सबसे पड़ी पहचान बहस करना होती है | जिस व्यक्ति विशेष के वों अंधभक्त बनकर बैठे है उसके बारें में कोई बुराई सुनना पसंद नहीं करते | यही अंधभक्तों से पहचान होती है |

अंतिम दो शब्द

आज मैंने इस पोस्ट में अंध भक्त किसे कहते है (Andh bhakt kise kahate hain) के बारे में विस्तार से समझाया है | मैं आपको सलाह देना चाहता हूँ कि आप किसी के भी अंधभक्त नहीं बने क्योंकि कोई भी व्यक्ति एकदम सही नहीं हो सकता है | उसमें कई सारे अछाईयों के साथ-साथ कई सारी बुराइयाँ भी होती है | इन बुराईओ को बिलकुल भीं अनदेखा ना करे | अपनी सोचने व समझने की शक्ति का इस्तेमाल करे तथा सही गलत को पहचानने की कोशिश करे | अंधभक्त बनने की गलती नहीं करे |

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