क्या आप जानते है कि मानक भाषा किसे कहते है? (Manak Bhasha Kise Kahate Hain) यदि नहीं तो आज मैं यहाँ पर मानक भाषा किसे कहते है हिन्दी में बताने जा रहा हूँ | इस पोस्ट को पढ़कर मानक भाषा क्या है, के बारे में आप विस्तृत में जान सकते है | यह मेरी गारंटी है | मानक भाषा से संबन्धित लगभग सभी प्रश्न व उत्तर यहाँ पर दिये गए है |
हम सब यह तो जानते है कि भाषाएँ कई प्रकार की होती है जिसमें से राष्ट्रभाषा, राजभाषा, संपर्क भाषा, मानक भाषा, जन भाषा आदि प्रमुख है | हम आज इनमें से मानक भाषा के बारे में बात करने वाले है कि आखिर मानक भाषा किसे कहते है?
इसके साथ ही मानक भाषा के उदाहरण, मानक भाषा की विशेषता, मानक भाषा के लक्ष्य, मानक भाषा की आवश्यकता तथा मानक भाषा के तत्वों के बारें विस्तृत जानकारी यहाँ पर दी गयी है |

मानक भाषा किसे कहते है? (Manak Bhasha Kise Kahate Hain)
वह भाषा जो एक निश्चित पैमाने के अनुसार गठित की गयी हो तथा उस भाषा का व्याकरण भी हो उसे मानक भाषा कहते है | मानक भाषा अपने व्याकरण के अनुसार लोगों द्वारा बोली, पढ़ी व लिखी जा सकती है |
लोगों द्वारा रोजमरा में काम में ली जाने वाली वह भाषा जिसे मानक भाषा कहलाती है | स्कूल में जब कोई अध्यापक किसी विद्यार्थी से प्रश्न पूछता है तथा विद्यार्थी उस प्रश्न का उत्तर बताता है तो यह बोल चाल की भाषा एक मानक भाषा ही है |
मानक भाषा का एक निश्चित पैमाना उसकी व्याकरण है जो गठित की हुई है | मानक भाषा का प्रयोग किताबों, पुस्तकों, पत्र-पत्रिकाओं व लेखन कार्य में किया जाता है |
अँग्रेजी में मानक भाषा को स्टैंडर्ड लैंग्विज (Standard Language) कहते है | इसके अलावा भी को परिनिष्ठित भाषा, साधू भाषा, नागर भाषा, आदर्श, टकसाली आदि के नाम से भी जाना जाता है |
मानवीकरण की प्रक्रिया से गुजरने के पश्चात किसी भाषा को मानक भाषा का दर्जा दिया जाता है | इस प्रक्रिया में भाषा के व्याकरण, शब्दकोश इत्यादि को ध्यान में रखा जाता है |
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मानक भाषा का उदाहरण
मानक भाषा के उदाहरण की बात करे तो इसका सबसे बढ़िया उदाहरण यह है कि जब हम किसी अजनबी इंसान से बात करते है तो बातचीत में प्रयोग ली गयी भाषा मानक भाषा ही होती है |
यह भाषा सभ्य व सुशिक्षित लोगों द्वारा प्रयोग में ली जाती है | मानक भाषा का उदाहरण मानक हिन्दी भाषा है |
हमारे समाज में आपसी संवाद में प्रयोग ली जाने वाली भाषा मानक भाषा ही है | संवाद में जब प्रत्येक व्यक्ति बोले गए मानक भाषा को बोल सकता है तथा समझ सकता है | यह भी मानक भाषा का उदाहरण है |
समाचार पत्रों, पत्र लेखन, सहित्य लेखन, आकाशवाणी व दूरदर्शन पर प्रसारित किए जाने वाले समाचार भी मानक भाषा में बोले व लिखे जाते है | सरकारी प्रशासन व कार्यालयों में प्रयोग में ली जाने वाली भाषा भी मानक भाषा होती है | यहाँ से और पढे |
मानक भाषा के तत्व
एक मानक भाषा के कुल चार तत्व होते है जो कि निम्नलिखित है-
- ऐतिहासिकता
- मानकीकरण
- जीवन्तता
- स्वयत्तता
01. ऐतिहासिकता- एक मानक भाषा का इतिहास व विस्तृत सहित्य होना आवश्यक है |
02. मानकीकरण- एक भाषा को मानक भाषा निर्धारित करने के लिए भाषा सुनिश्चित व सुनिर्धारित रूप होनी आवश्यक्त है |
03. जीवन्तता- वह भाषा को सहित्य, विज्ञान, दर्शन आदि में पहले से प्रयुक्त की गयी होनी चाहिए तथा नवाचार में पूर्व रूप से काबिल होनी चाहिए |
04. स्वायत्ता- भाषा किसी अन्य भाषा पर बिलकुल भी निर्भर नहीं होनी चाहिए | भाषा पूर्व रूप से स्वतंत्र होनी चाहिए | भाषा का अपना खुद का व्याकरण तथा शब्दावली होना जरूरी है |
मानक भाषा की विशेषताएं (लक्षण)
एक मानक भाषा की क्या-क्या विशेषता एवं लक्षण होने चाहिए जिससे वह भाषा मानक भाषा मानी जा सके | मानक भाषा की निम्नलिखित विशेषताएँ होनी चाहिए –
- गठन, सम्प्रेषण की एकरूपता होना मानक भाषा का सबसे बड़ी विशेषता एवं लक्षण लक्षण है |
- मानक भाषा का खुद का एक व्याकरण होता है |
- वह भाषा सबके द्वारा मान्य होती है ।
- वह भाषा समय एवं जरूरतों के अनुसार लगातार विकसित होती रहती है |
- उस भाषा का ढांचा सुदृढ़ एवं स्थिर होता है |
- मानक भाषा में एकरूप पायी जाती है |
- वह सुस्पष्ट , सुनिर्धारित और सुनिश्चित होती है ताकि इसमें कोई भी सम्प्रेषण, बोलने, समझने की कोई दिक्कत नहीं होती है |
- मानक भाषा शैक्षणिक, प्रशासनिक एवं संवैधानिक क्षेत्रों सम्पूर्ण कार्य करने में पूर्ण रूप से सक्षम होती है |
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मानक भाषा की उपयोगिता
वर्तमान में मानव जीवन, शिक्षा, प्रशासन, सांस्कृतिक क्षेत्र में मानक भाषा की निम्नलिखित उपयोगिता है-
- यह भाषा राज-काज की भाषा के रूप में बेहद कारगर सिद्ध हुई है। वर्तमान में सभी सरकारी कार्यालयों, स्कूलों, महाविद्यालयों आदि में मानक भाषा का ही प्रयोग किया जा रहा है | प्रश्न-उत्तर व सम्प्रेषण में इसी भाषा का प्रयोग किया जा रहा है |
- विज्ञान के क्षेत्र में भी मानक भाषा की उपयोगिता साबित हुई है | कोई भी शोध कार्य की सभी विधियाँ व व उसको समझाने में इसी भाषा का प्रयोग किया जा रहा है |
- समाचार पत्रों, लेखन सामग्री में मानक भाषा का प्रयोग किया जा रहा है |
- सिनेमा, टेलीविज़न, दूरदर्शन, आकाश वाणी इत्यादि मनोरंजन के विभिन्न क्षेत्रों में यही भाषा प्रयुक्त की जा रही है |
- कानून, चिकित्सा एवं तकनीकी क्षेत्र में विभिन्न शब्दावलियों का प्रयोग मानक भाषा में ही काम में लिए जा रहे है |
- मानव जीवन में एक दूसरे से बात करने, वार्तालाप करने, बहस करने में भी मानक भाषा का प्रयोग किया जा रहा है |
मानक भाषा की आवश्यकता
हब सब जानते है कि भारत के अलग-अलग क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार की बोलियाँ बोली जाती है | यदि हम हिन्दी की बात करे तो भारत में विभिन्न भागों में हिन्दी भी अलग-अलग प्रकार की बोली जाती है |
इनमें कई सारे शब्द ऐसे थे जिनका क्षेत्र के अनुसार अलग-अलग अर्थ निकलता था जिसके कारण भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो जाती थी | इसलिए मानक भाषा की आवश्यता पड़ी ताकि इस भाषा में प्रत्येक शब्द को एक मानक रूप दे दिये जाए जिसका मतलब सभी जगह पर एक ही हो |
कई शब्दों में तो बहुत सारी अशुद्धि थी जिसके कारण उन्हें बोलने व लिखते में दिक्कतों का सामना करना पड़ता था | ऐसी स्थिति को सही करने के लिए मानक भाषा की आवश्यकता पड़ी |
भाषा में एकरूपता लाने के लिये तथा शब्दों के रूप को शुद्ध रूप प्रकट करवाने हेतु मानक भाषा को बनाने की आवश्यकता हुई | अब वर्तमान में हिन्दी एक मानक भाषा है जिसमें शब्दों का मतलब एक ही होता है चाहे वह दिल्ली में बोली गयी हो तथा चाहे उत्तरप्रदेश में |
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मानक भाषा और जनभाषा में क्या अंतर है?
मानक भाषा और जनभाषा में निम्नलिखित अंतर होते है-
- मानक भाषा में पूरे क्षेत्र में व्याकरण की दृष्टि से समरूप होती है जबकि जन भाषा में समरूपता नहीं पायी जाती है |
- मानव भाषा में लोग वार्ता करने पर समझ सकते है क्योंकि इसमें शब्दों को एक ही मतलब होता है जबकि जनभाषा वह भाषा है जिसमें लोग देश विदेश में बातें करते है परंतु उन्हें जरूरी नहीं वो वो बातें समझ में आए |
परीक्षा में पूछे जाने वाले महत्वपूर्व प्रश्न
मानक भाषा से आप क्या समझते है?
मानक भाषा वह भाषा है जिसे मानवीकरण की प्रक्रिया के फलस्वरूप समुदाय व देश में एक भाषा के रूप में पहचाना गया हो तथा लोक संवाद में प्रयुक्त होती हो उसे मानक भाषा कहते है |
मानक भाषा के लक्षण लिखिए?
मानक भाषा के मुख्य लक्षण निम्नलिखित है-
01. गठन, सम्प्रेषण की एकरूपता होना मानक भाषा का सबसे बड़ी विशेषता एवं लक्षण लक्षण है |
02. मानक भाषा का खुद का एक व्याकरण होता है |
03. वह भाषा सबके द्वारा मान्य होती है ।
04. वह भाषा समय एवं जरूरतों के अनुसार लगातार विकसित होती रहती है |
05. उस भाषा का ढांचा सुदृढ़ एवं स्थिर होता है |
मानक हिन्दी भाषा किसे क़हते है?
हिन्दी एक मानक भाषा है | हिन्दी भाषा में खुद का व्याकरण है तथा प्रत्येक शब्द का एक निश्चित अर्थ निकलता है जिसमें सभी लोग समझ पाते है |
क्या हिन्दी एक मानक भाषा है?
हाँ, हिन्दी एक मानक भाषा है |
अंतिम दो शब्द
आज इस पोस्ट में मैंने मानक भाषा किसे कहते है? (Manak Bhasha Kise Kahate Hain) के बारे में बताया है | इसके साथ ही मानक भाषा की आवश्यकता क्यों हुई, यह भी विस्तार से समझाया है | एक मानक भाषा की होने वाली सभी विशेषताओं का वर्णन किया है | आपको जरूर पसंद आया होगा |