क्या आप समग्र मांग के बारे में जानना चाहते है? यदि हाँ तो आपको इस पोस्ट में समग्र मांग किसे कहते हैं (Samgra Mang Kise Kahate Hain), समग्र मांग के घटक, समग्र मांग व समग्र पूर्ति में क्या अंतर होता है, आदि के बारें में जानने को मिलने वाला है |
समग्र मांग को कुल मांग, समूहिक मांग, समस्त मांग, एग्रिगेट डिमांड आदि नामों से भी जाना जाता है |

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समग्र मांग किसे कहते हैं? (Samgra Mang Kise Kahate Hain)
किसी लेखा वर्ष में एक अर्थव्यवस्था में रहने वाले लोगों द्वारा की गयी वस्तुओं एवं सेवाओं की मांग को समग्र मांग कहते है | समग्र मांग को शॉर्ट में एडी (AD) लिखा जाता है |
समग्र मांग का सूत्र AD=C+I+G+(X-M)
समग्र मांग के घटक
समग्र मांग के कुल चार घटक होते है जो कि निम्नलिखित है –
- उपभोग (घरेलू क्षेत्र का उपभोग व्यय)
- निवेश (निजी निवेश व्यय)
- सरकारी व्यय (उपभोग व्यय+ निवेश व्यय)
- शुद्ध निर्यात (निर्यात व आयात के बीच का अंतर)
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समग्र मांग वक्र
समग्र मांग अर्थव्यवस्था में रोजगार एवं आय पर पूर्णतया निर्भर करती है | जैसे-जैसे आय व रोजगार बढ़ते जाते है उसी प्रकार समग्र मांग भी बढ़ती जाती है |
अत: रोजगार व आय का धनात्मक एवं प्र्त्यक्ष संबंध समग्र मांग से होता है |
समग्र माँग तथा समग्र पूर्ति में अंतर
समग्र मांग एवं समग्र पूर्ति में निम्नलिखित अंतर है-
- एक लेखा वर्ष के दौरान अर्थव्यवस्था में वस्तुओं व सेवाओं की मांग को समग्र मांग कहा जाता है जबकि वस्तुओं तथा सेवाओं के कुल उत्पादन को समग्र पूर्ति कहते हैं |
- समग्र मांग का मापन वस्तुओं व सेवाओं पर किए गए कुल व्यय पर निर्भर करता है जबकि समग्र पूर्ति का मापन वस्तुओं को खरीदने के लिए उपलब्द उत्पाद पर निर्भर करता है |
- समग्र मांग को शॉर्ट में एडी लिखा जाता है जबकि समग्र पूर्ति को AS लिखा जाता है |
समग्र मांग पर विस्तृत यूट्यूब विडियो
FAQs
समग्र मांग क्या है?
किसी लेखा वर्ष में एक अर्थव्यवस्था में रहने वाले लोगों द्वारा की गयी वस्तुओं एवं सेवाओं की मांग को समग्र मांग कहते है |
समग्र मांग के कितने घटक होते है?
चार |