क्या आप जानते है कि स्वर्ग किसे कहते है? (Swarg kise kahate hain) मेरे हिसाब से आपने स्वर्ग का नाम तो सुना ही होगा | कई सारी फिल्मों व सीरियल में स्वर्ग दिखाया जाता है | आपने भी उन्हीं फिल्मों व सीरियल में स्वर्ग देखा होगा | लेकिन आज मैं आपको बताने जा रहा हूँ कि आखिर ये स्वर्ग होता क्या है। क्यों लोग स्वर्ग का नाम सुनकर खुश हो जाते है | स्वर्ग का नाम सुनते ही लोगों के मन में बुरे कार्य नहीं करने की सोच में पड़ जाते है |
हम आज इसी स्वर्ग के बारे में जानने वाले है | प्राचीन काल में स्वर्ग के बारे में क्या राय थी | वर्तमान में स्वर्ग के बारे में लोग क्या बोलते है | आज की इस टेक्नोलोजी की दुनिया में स्वर्ग के बारे में किस प्रकार के तथ्य बताए गए है | इस पोस्ट में आपको स्वर्ग से संबन्धित लगभग सभी प्रश्नों के उत्तर मिलने वाले है |

Table of Contents
- 1 स्वर्ग किसे कहते है?
- 2 स्वर्ग के अन्य नाम क्या है?
- 3 स्वर्ग के पर्यायवाची शब्द
- 4 स्वर्ग के अँग्रेजी में नाम
- 5 स्वर्ग का रास्ता (स्वर्ग जाने का रास्ता)
- 6 स्वर्ग का रहस्य
- 7 लोगों द्वारा पूछे जाने वाले महत्वपूर्व प्रश्न
- 8 क्या कोई जिंदा व्यक्ति स्वर्ग जा सकता है?
- 9 कोनसी झील को स्वर्ग जाने का रास्ता माना गया है?
- 10 स्वर्ग व जन्नत में क्या अंतर है?
- 11 स्वर्ग जाने का सबसे आसान तरीका क्या है?
- 12 धरती से स्वर्ग कितना दूर है?
- 13 स्वर्ग में कोन रहता है?
- 14 स्वर्ग की खोज कब और किसने की?
- 15 धरती का स्वर्ग किसे कहते है?
स्वर्ग किसे कहते है?
हमरे पूर्वज जैसे दादा, दादी, नाना नानी के पास जब हम बैठते है तो ये लोग बताने है कि इस दुनिया में कुल तीन लोक पाये जाते है | पहला स्वर्ग लोक, दूसरा पाताल लोक व तीसरा पृथ्वी लोक |
जिस लोग में देवी देवता निवास करते है उसे स्वर्ग लोग कहते है | हम सभी सभी लोग में रहते है उसे पृथ्वीलोक कहा जाता है | आज हम यह पर केवल स्वर्ग व स्वर्ग लोक के बारे में ही बात करने वाले है |
जैसा कि ऊपर बताया गया कि वह लोक जहां पर सभी देवी एवं देवता रहते है उस लोग को स्वर्गलोक बताया गया है | यदि हम हिन्दू धर्म की बात करे तो लोगों के अनुसार हिंदुओं के 36 करोड़ देवी देवता है | इस सभी देवी देवता के रहने के लिए अलग से एक स्थान होता है जिसे स्वर्ग कहते है |
ऐसा बताया जाता है कि यहाँ पर कोई भी बुरा काम नहीं होता है | सभी सुख शांति के साथ निवास करते है | कुछ लोगों का यह भी मानना है कि जो लोग पृथ्वीलोक पर रहकर पुण्य का काम करते है उन्हें भी मृत्यु के बाद स्वर्ग में जगह मिलती है |
देवी देवताओं के अलावा कुछ लोगों को ही स्वर्ग में स्थान मिलता है | यह उनके द्वारा किए गए पुण्य कार्यों पर निर्भर करता है कि उसे स्वर्ग मिलेगा या नहीं | ऐसा भी बताया जाता है कि स्वर्ग लोक में परियाँ रहती है जो स्वर्ग पाने वाले लोगो की सेवा करती है |
इस प्रकार स्वर्ग को एक धार्मिक व अलौकिक स्थान का दर्जा दिया गया है जहां पर साधूँ, सन्त व अच्छे कर्म करने वाले लोगों को जगह नसीब होती है | इसके साथ ही देवी देवता तो पहले ही स्वर्ग में निवास कर रहे है | पुराने ग्रन्थों, धार्मिक किताबों के अनुसार स्वर्ग धरती के ऊपर स्थित है | जहां चारो और सुख समृद्धि, खुशियाँ, सुकून पायी जाती है | और पढे
स्वर्ग के अन्य नाम क्या है?
स्वर्ग को कई सारे नामों से पुकारा जाता है | जो कि इस प्रकार है-
- देवलोक
- सुखाघर
- बैकुंठ
- दिव्यधाम
- परलोक
- जन्नत
स्वर्ग के पर्यायवाची शब्द
अव्यय, त्रिदिव, त्रिविष्टप, त्रिदशालय , सुरलोक, अवरोह, गौ, फलोदय, देवलोक, स्वर्लोक, सुखाघार, दिवान, उर्प्वलोक, दिव्यलोक, नाक, दिव, मन्दर, सौरिक, शक्रभवन, ब्रह्मधाम दिव्यधाम, इंद्रपुरी, परमधाम, गगन, वैकुंठ, भूस्वर्ग, परमानंददशा, परलोक।
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स्वर्ग के अँग्रेजी में नाम
Heaven, paradise, Eden, empyrean, heaven city, lake of the leal, indeclinable, descent, descension, divine people, divine abode, sky, Eden, ecstasy.
स्वर्ग का रास्ता (स्वर्ग जाने का रास्ता)
ऐसा बताया जाता है कि सतोपंथ झील में स्वर्ग जाने का रास्ता है | यह उत्तराखंड के चौखंभा शिखर की तलहटी पर बसी हिमरूप झील है। मान्यता है कि महाभारत काल में पांडव इसी रास्ते से स्वर्ग में गए थे। जब पांडवो की एक एक करके मृत्यु हो रही थी तब वे सभी सी रास्ते से स्वर्ग में गए थे |
सतोपंथ झील महाभारत काल की घटनाओं से संबंध रखती है | भीम की मृत्यु भी इसी झील के पास हुई थी इसलिए सतोपंथ झील का आज भी महत्व है | इसके अलावा लोगों द्वारा एक कथा यह भी बताई गयी है कि इसी झील पर धर्मराज युधिष्ठिर के लिए स्वर्ग जाने के लिए एक आकाशीय वाहन आया था जिसे युधिष्ठिर बैठकर स्वर्ग चले गए थे |
कहा जाता है कि सतोपंथ झील के आगे ग्लेशियर पर सात सीढ़ियाँ है जो स्वर्ग जाने का रास्ता है परंतु यह बताया गया है कि ग्लेशियर के आगे केवल तीन सीढ़ियाँ ही नजर आती है और यह भी बर्फ व कोहरे से ढकी हुई रहती है |
इस झील का आकर भी रहस्यमयी रहा है क्योंकि कोई भी झील आकार में तिकोनी नहीं होती है जबकि सतोपंथ झील आकार में तिकोनी है। मान्यता है कि यहां पर एकादशी के पावन अवसर पर त्रिदेवों ब्रह्मा, विष्णु और महेश ने अलग-अलग कोनों पर खड़े होकर डुबकी लगाई थी इसलिए इसका आकार तिकोना है |
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स्वर्ग का रहस्य
वास्तव में वैज्ञानिक शोध के अनुसार स्वर्ग जाने के रास्ते के बारे में अभी तक कोई प्रमाण नहीं मिले है | और स्वर्ग होने के भी | साइंटिस्ट के अनुसार स्वर्ग एक काल्पनिक स्थान है जिसके होने के संबंध में आज तक कोई पुष्टि नहीं हुई है |
आज तक ऐसा कभी नहीं हुआ कि कोई मनुष्य स्वर्ग में जाकर वापस आया हो |
लोगों द्वारा पूछे जाने वाले महत्वपूर्व प्रश्न
क्या कोई जिंदा व्यक्ति स्वर्ग जा सकता है?
नहीं |
कोनसी झील को स्वर्ग जाने का रास्ता माना गया है?
सतोपंथ झील, उत्तराखंड
स्वर्ग व जन्नत में क्या अंतर है?
स्वर्ग व जन्नत दोनों एक ही चीज है | हिन्दी में स्वर्ग व उर्दू से इसे जन्नत कहा जाता है |
स्वर्ग जाने का सबसे आसान तरीका क्या है?
स्वर्ग जाने के लिए मनुष्य को अच्छे कर्म करते रहना चाहिए |
धरती से स्वर्ग कितना दूर है?
यह बताया गया है कि सूर्य व धुर्व के बीच स्वर्ग स्थित है | धरती से स्वर्ग की दूरी अभी तक किसी को पता नहीं है |
स्वर्ग में कोन रहता है?
स्वर्ग में देवी देवता निवास करते है | जिन लोगों को स्वर्ग नसीब होता है वे भी स्वर्ग में रहते है |
स्वर्ग की खोज कब और किसने की?
स्वर्ग की खोज के बारे में किसी कोई कोई जानकारी नहीं है | साइंटिस्ट के अनुसार स्वर्ग एक काल्पनिक जगह है जिसके होने की अभी तक कोई पुष्टि नहीं हुई है |
धरती का स्वर्ग किसे कहते है?
कश्मीर को धरती का स्वर्ग कहते है |
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